HINDI
SECTION A
प्रश्न 1 किसी एक विषय पर निबन्ध लिखिए जो लगभग 400 शब्दों से कम न हो :
(i) निस्वार्थ भाव से की गई सहायता से असीम आनंद तथा संतोष प्राप्त होता है। किसी ऐसी ही एक घटना का वर्णन कीजिए जब आपने अपनी परेशानियों की परवाह किए बिना किसी जरूरतमंद व्यक्ति की मदद की थी। यह भी स्पष्ट कीजिए कि इस अनुभव से आपके जीवन पर क्या प्रभाव पड़ा ?
(ii) “जल ही जीवन है। जल के बिना सुनहरे कल की कल्पना करना व्यर्थ है।” वर्तमान युग में जल संकट की समस्या किस प्रकार विकराल रूप लेती जा रही है ? जल संरक्षण की आवश्यकता तथा इसके विभिन्न उपायों पर प्रकाश डालते हुए अपने विचार प्रस्तुत कीजिए।
(iii) आपके विद्यालयी जीवन का यह अन्तिम वर्ष है। आज आपका विदाई समारोह आयोजित किया गया है। इतने वर्षों का मित्रों एवं अध्यापकों का साथ छूटने वाला है। इन बीते वर्षों के न भूलने वाले खट्टे-मीठे अनुभव लिखिए।
(iv) “मनुष्य के नैतिक उत्थान का जिम्मेदार परिवार एवं समाज है” — विषय के पक्ष या विपक्ष में अपने विचार व्यक्त कीजिए।
(v) विश्व के मानचित्र पर भारत की एक नई पहचान उभर रही है, इसका कारण है “आज का जागरूक भारत”व्याख्या कीजिए।
(vi) निम्नलिखित में से किसी एक पर मौलिक कहानी लिखिए :
(a) “बीती ताहि बिसार दे आगे की सुध लेय।’
(b) एक मौलिक कहानी लिखिए जिसका अन्तिम वाक्य हो :
…………….. और अपने घर सकुशल पहुँचने पर हमने चैन की साँस ली।
प्रश्न 2 निम्नलिखित अवतरण को पढ़कर, अन्त में दिए गए प्रश्न के उत्तर अपने शब्दों में लिखिए :
पुराने समय की बात है, एक गाँव में दो किसान रहते थे। दोनों ही बहुत गरीब थे, दोनों के पास थोड़ी-थोड़ी ज़मीन थी, दोनों उसमें ही मेहनत करके अपना और अपने परिवार का गुजारा करते थे।
अकस्मात् कुछ समय पश्चात दोनों की एक ही दिन, एक ही समय पर मृत्यु हो गयी। यमराज दोनों को एक साथ भगवान के पास ले गए। भगवान ने उन्हें देख के उनसे पूछा, “तुम्हारे इस जीवन में क्या कमी थी ?” भगवान की बात सुनकर उनमें से एक किसान बड़े गुस्से से बोला, “हे भगवन् ! आपने इस जन्म में मुझे बहुत घटिया जिन्दगी दी थी। आपने कुछ भी नहीं दिया था मुझे। पूरी ज़िन्दगी मैंने बैल की तरह खेतों में काम किया, जो कुछ भी कमाया वह सब पेट भरने में लगा दिया, न ही मैं कभी अच्छे कपड़े पहन पाया और न ही कभी अपने परिवार को अच्छा खाना खिला पाया। जो भी पैसे कमाता था, कोई आकर मुझसे लेकर चला जाता था और मेरे हाथ में कुछ भी नहीं आया। देखो, कैसी जानवरों जैसी ज़िन्दगी जी है मैंने ।”
उसकी बात सुनकर भगवान कुछ समय मौन रहे और पुन: उस किसान से पूछा, “तो अब तुम क्या चाहते हो, इस जन्म में मैं तुम्हें क्या बनाऊँ ?”
भगवान का प्रश्न सुनकर वह किसान पुन: बोला, “भगवन् ! आप कुछ ऐसा कर दीजिए, कि मुझे कभी किसी को कुछ भी देना ना पड़े। मुझे तो केवल चारों तरफ से पैसा ही पैसा मिले।”
अपनी बात कहकर वह किसान चुप हो गया। भगवान ने उसकी बात सुनी और कहा, “तथास्तु ! तुम अब जा सकते हो, मैं तुम्हें ऐसा ही जीवन दूँगा जैसा तुमने मुझसे माँगा है।”
उसके जाने के बाद भगवान ने दूसरे किसान से पूछा, “तुम बताओ, तुम्हारे जीवन में क्या कमी थी ?” उस किसान ने भगवान के सामने हाथ जोड़ते हुए कहा, “हे भगवन् । आपने मुझे सबकुछ दिया, मैं आपसे क्या माँगूं। आपने मुझे एक अच्छा परिवार दिया, मुझे कुछ ज़मीन दी जिस पर मेहनत से काम करके मैंने अपने परिवार को एक अच्छा जीवन दिया। खाने के लिए आपने मुझे और मेरे परिवार को भरपेट भोजन दिया। मैं और मेरा परिवार कभी भूखे पेट नहीं सोया। बस एक ही कभी थी मेरे जीवन में, जिसका मुझे पूरी ज़िन्दगी अफ़सोस रहा और आज भी है। मेरे दरवाजे पर कभी कुछ भूखे और प्यासे लोग आते थे भोजन माँगने के लिए परन्तु कभी-कभी भोजन न होने के कारण मैं उन्हें खाना नहीं दे पाता था और वे मेरे द्वार से भूखे ही लौट जाते थे। ऐसा कहकर वह चुप हो गया।’
भगवान ने उसकी बात सुनकर उससे पूछा, “तो अब क्या चाहते हो तुम, इस जन्म में मैं ङ्केतुम्हें क्या बनाऊँ ? किसान ने हाथ जोड़ते हुए भगवान से विनती की, हे प्रभु ! आप कुछ ऐसा कर दें कि मेरे द्वार से कोई भूखा-प्यासा ना जाए।” भगवान ने कहा, “तथास्तु ! तुम जाओ तुम्हारे द्वार से कभी कोई भूखा-प्यासा नहीं जाएगा।”
अब दोनों का पुन: उसी गाँव में एक साथ जन्म हुआ। दोनों एक साथ बड़े हुए। पहला व्यक्ति जिसने भगवान से कहा था कि उसे चारों तरफ से केवल धन मिले और उसे कभी किसी को कुछ देना ना पड़े, वह व्यक्ति उस गाँव का सबसे बड़ा भिखारी बना। अब उसे किसी को कुछ देना नहीं पड़ता था और जो कोई भी आता उसकी झोली में पैसे डालकर ही जाता था।
कि उसके द्वार से कभी कोई भूखा-प्यासा न जाए, वह उस गाँव का सबसे अमीर आदमी बना।
ईश्वर ने जो दिया है उसी में संतुष्ट रहना बहुत ज़रूरी है। अक्सर देखा जाता है कि सभी लोगों को हमेशा दूसरों की चीजें ज्यादा पंसद आती हैं और इसके चक्कर में वे अपना जीवन भी अच्छे से नहीं जी पाते। हर बात के दो पहलू होते हैं—सकारात्मक और नकारात्मक, अब ये हमारी सोच पर निर्भर है कि हम चीज़ों को नकारात्मक रूप से देखते हैं या सकारात्मक रूप से। अच्छा जीवन जीना है, तो अपनी सोच को अच्छा बनाना होगा। चीज़ों में कमियाँ निकालने की बजाय भगवान ने जो दिया है उसका आनंद लेना और हमेशा दूसरों के प्रति सेवा भाव रखना होगा ! जिस दिन हमारी सोच बदलेगी, जीवन के प्रति हमारा दृष्टिकोण भी बदल जाएगा।
प्रश्न :
(i) दोनों किसान कहाँ रहते थे ? उन दोनों में क्या समानताएँ एवं क्या विषमताएँ थीं ?
(ii) पहले किसान को अपने जीवन से क्या शिकायत थी ? वह दूसरे जन्म में क्या बनना चाहता था ?
(iii) दूसरे किसान ने भगवान से अपने लिए क्या माँगा और क्यों ?
(iv) दोनों किसानों का पुनर्जन्म किस रूप में हुआ ? अब उनका जीवन कैसा था ?
(v) इस गद्यांश से हमें क्या शिक्षा मिलती है ?
प्रश्न 3 निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध करके लिखिए :
(i) श्याम तेजी से दौड़ता है।
(ii) वह मेरे शब्दों पर ध्यान नहीं देता।
(iii) उसने गीत की दो-चार लड़ियाँ गाईं।
(iv) हत्यारे को मृत्युदण्ड की सजा मिली।
(v) हम हमारे देश के लिए जान दे देंगे।
(b) निम्नलिखित मुहावरों को वाक्यों में प्रयुक्त कीजिए :
(i) हाथ तंग होना।
(ii) चुल्लू भर पानी में डूब मरना।
(iii) आसमान सिर पर उठाना।
(iv) कान भरना।
(v) इधर-उधर की हाँकना।
SECTION B
गद्य संकलन (Gadya Sanklan)
प्रश्न 4 “जैसे भी हो, इस बार बेटू को अपने साथ लेकर ही जाना होगा। यही हाल रहा तो इसकी जिंदगी चौपट हो जाएगी। यह भी कोई ढंग है भला।”
(i) उक्त कथन कौन, किससे और किस संदर्भ में कह रहा है ?
(ii) श्रोता उक्त कथन सुनकर धर्म-संकट में क्यों था ?
(iii) बेटू के आ जाने से अम्मा का जीवन किस तरह बीतता था ?
(iv) ‘मजबूरी’ कहानी के माध्यम से कहानीकारा पाठकों का ध्यान किस ओर आकृष्ट कर रही है?
प्रश्न 5 “म्लेच्छों ने मुझे मुलतान की लूट में पकड़ लिया। मैं उनकी कठोरता में जीवित रहकर बराबर उनका विरोध ही करती रही।” कथन के आधार पर इरावती की व्यथा का वर्णन करते हुए उसका चरित्र-चित्रण कीजिए।
प्रश्न 6 “गौरी एक चरित्र प्रधान कहानी है”। कहानी के आधार पर गौरी की देशभक्ति एवं त्याग का वर्णन करते हुए बताइए कि गौरी का योगदान सीताराम जी की तुलना में कहीं कम नहीं था।
काव्य मंजरी (Kavya Manjari)
प्रश्न 7 क्या हवाएँ थीं कि उजड़ा प्यार का वह आशियाना,
कुछ ना आया काम तेरा, शोर करना गुल मचाना,
माना कि उन शक्तियों के साथ चलता जोर किसका
किन्तु ऐ निर्माण के प्रतिनिधि, तुझे होगा बताना
जो बसे हैं, वो उजड़ते हैं, प्रकृति के जड़ नियम से,
पर किसी उजड़े हुए को, फिर बसाना कब मना है ?
है अँधेरी रात पर दीवा जलाना कब मना है ?
(ii) ‘प्यार का आशियाना’ कैसे उजड़ गया ? मनुष्य का शोरगुल मचाना काम क्यों नहीं आया ?
(iii) ‘निर्माण के प्रतिनिधि’ किसे कहा गया है और क्यों ? ‘प्रकृति का जड़ नियम’ क्या है ? समझाइए।
(iv) प्रस्तुत कविता से कवि क्या सन्देश देना चाहते हैं ? समझाकर लिखिए।
प्रश्न 8 ‘एक फूल की चाह’ कविता के माध्यम से कवि सियारामशरण गुप्त जी ने छुआछूत जैसी सामाजिक कुरीति पर कुठाराघात किया है। – सिद्ध कीजिए।
प्रश्न 9 ‘आ: धरती कितना देती है’ का मूल प्रतिपाद्य लिखिए। प्रस्तुत कविता द्वारा कवि ने क्या सन्देश दिया है?
‘सारा आकाश’ (Saara Akash)
प्रश्न 10 “तूने मुझे बचा लिया, वरना सच कहता हूँ कि पागल हो जाता। तू नहीं जानता, हमारे घर की हालत क्या है।” मेरी समझ में नहीं आ रहा था कि कैसे अपनी कृतज्ञता को व्यक्त करूँ। मेरी आँखें भर आईं।
(i) उपन्यास तथा उपन्यासकार का नाम लिखिए। यह किस प्रकार का उपन्यास है ?
(ii) उपर्युक्त कथन का वक्ता कौन है ? वक्ता किसके प्रति आभारी है और क्यों ?
(iii) वक्ता ने श्रोता से कितने रुपये उधार लिए और उन रुपयों से किसके लिए क्या खरीदा ? उसके बाद वक्ता जब घर पहुंचा तो घरवालों की क्या प्रतिक्रिया हुई ?
(iv) श्रोता का चरित्र चित्रण कीजिए।
प्रश्न 11 ‘सारा आकाश’ उपन्यास के आधार पर समर के बाबूजी का चरित्र-चित्रण कीजिए।
प्रश्न 12 ‘‘सारा आकाश’ राजेन्द्र यादव द्वारा लिखित एक उद्देश्यपूर्ण रचना है।’ – उपन्यास के आधार पर इस कथन की व्याख्या कीजिए।
‘आषाढ़ का एक दिन’ (Aashad Ka Ek Din)
प्रश्न 13 विलोम क्या है ? एक असफल कालिदास। और कालिदास ? एक असफल विलोम। हम कहीं एक-दूसरे के बहुत निकट पड़ते हैं।
(i) वक्ता और श्रोता का परिचय दीजिए।
(ii) प्रस्तुत संवाद का प्रसंग स्पष्ट कीजिए।
(iii) उपर्युक्त पंक्तियों के आधार पर वक्ता का दृष्टिकोण स्पष्ट कीजिए।
(iv) उपर्युक्त संवाद के आधार पर बताइए कि विलोम और कालिदास के बीच कैसे संबंध थे ?
प्रश्न 14 “अम्बिका भावनाओं में नहीं यथार्थ में जीती है।” ‘आषाढ़ का एक दिन’ नाटक के आधार पर अम्बिका की चारित्रिक विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
प्रश्न 15 प्रियंगुमंजरी मल्लिका को अपने साथ चलने के लिए क्यों कहती है ? मल्लिका की इस पर क्या प्रतिक्रिया थी ?