HINDI CLASS 10TH QUESTION PAPER 2018 (RBSE)

RAJASTHAN BOARD EXAMINATION, 2018

CLASS 10th

HINDI

समय: 3¼ घंटे                                                                                                                                                          अधिकतम अंक: 80


परीक्षाओं के लिए सामान्य निर्देश:-

1. सभी प्रश्न करने अनिवार्य हैं। 

2. सभी प्रश्नों के अंक प्रश्न के सामने अंकित हैं। 


खण्ड  – 1 

निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

कबीर ने समाज में रहकर समाज का बड़े समीप से निरीक्षण किय। समाज  में फैले बाह्याडंबर, भेदभाव, साम्प्रदायिकता आदि का उन्होंने पुष्ट-प्रमाण लेकर ऐसा दृढ़ विरोध किया कि किसी की हिम्मत नहीं हुई जो उनके अकाट्य तर्कों को काट सके। कबीर का व्यक्तित्व इतना ऊंचा था कि उनके सामने टिक सकने की हिम्मत किसी में नहीं थीं। इस प्रकार उन्होंने समाज तथा धर्म की बुराइयों को निकाल – निकालकर सबके सामने रखा। ऊंचा नाम रखकर संसार को ठगने वालों  के नकली चेहरों को सबको दिखाया, और दीन -दलितों को ऊपर उठाने का उपदेश देकर अपने व्यक्तित्व को सुधार कर सबके सामने एक महान आदर्श प्रस्तुत कर सिद्धांतो का निरूपण किया। कर्म, सेवा, अहिंसा तथा निर्गुण मार्ग का प्रसार किया। कर्म-काण्ड तथा मूर्तिपूजा का विरोध किया। अपनी सखियों, रमैनियो तथा शब्दों को बोलचाल की भाषा में रचकर सबके सामने एक विशाल ज्ञानमार्ग खोला। इस प्रकार कबीर ने समन्वयवादी दृटिकोण अपनाया और कथनी-करनी की एकता पर बल दिया। वे महान  युगदृष्टा, समाज -सुधारक तथा महान कवि थे। उन्होंने हिन्दू -मुस्लिम के बीच समन्वय की धारा प्रवाहित कर दोनों को ही शीतलता प्रदान की। 

 1. उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।

 2. कबीर के व्यक्तित्व की क्या विशेषता थी ?

 3. धर्म के विषय में कबीर का क्या दृष्टिकोण था ? 

 

निम्नलिखित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए: 

ओ बदनसीब अन्धो ! कमजोर अभागो, 

अब तो खोलो नयन नींद से जागो। 

वह अघी ? बाहुबल का जो अपलापी है, 

जिसकी ज्वाला बुझ गई, वही पापी है।

जब तक प्रसन्न यह अनल सगुण हॅसते हैं,

है जहाँ खड्ग, सब पुण्य वही बसते है।

वीरता जहाँ पर नहीं, पुण्य का क्षय है,

वीरता जहाँ पर नहीं, स्वार्थ की जय है।

तलवार पुण्य की सखी, धर्म पालक है,

लालच पर अंकुश कठिन, लोभ सालक है। 

असि छोड़, भीरु बन जहाँ धर्म सोता है,

पावक प्रचण्ड वहाँ प्रकट होता है।  

4. भारतवासियो के प्रति कवि क्यों आक्रोशित है?  

5. पुण्य का क्षय एवं स्वार्थ का उदय कब होता है ?  

6. धर्म का पालक किस प्रकार से किया जा सकता है ? 

 

खण्ड – 2 

7. दिए गए बिंदुओं के आधार पर निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 300 शब्दों में निबंधों लिखिए :

(क) समाचार-पत्रों का महत्व

(i) प्रस्तावना 

(ii) समाचार-पत्रों का वर्तमान स्वरूप 

(iii) समाचार-पत्रों का दायित्व

(iv) उपसंहार 

(ख़) राजस्थान में गहराता जल संकट 

(i) प्रस्तावना 

(ii) जल संकट के कारण 

(iii) जल संकट निराकरण के उपाय 

(iv) उपसंहार 

(ग) उपभोक्तावाद और भारतीय संस्कृति 

(i) प्रस्तावना  

(ii) पाश्चात्य संस्कृति का दुष्प्रभाव

(iii) उपभोक्तावाद, उदारवाद और आर्थिक सुधार

(iv) उपसंहार 

(घ) राष्ट्रिय विकास में महिलाओं की भागीदारी 

(i) प्रस्तावना व स्वरूप

(ii) राष्ट्र विकास में महिला भागीदारी की आवश्यकता

(iii) कामकाजी महिलाओं की समस्या व् उनका समाधान 

(iv) उपसंहार 

 

8. आपका नाम ईशांत है। आप लक्ष्मीनगर, जयपुर के है। आपके क्षेत्र में अक्सर अनियमित बिजली कटौती की समस्या रहती है। नियमित विधुत सप्लाई दिलाने हेतु मुख्य अभियंता ‘विधुत ’,जयपुर को एक शिकायती पत्र लिखिए।

अथवा 

स्वयं को रतलाम का पुस्तक विक्रेता दीपक मानते हुए पुस्तक महल, नई दिल्ली को नवीनतम पुस्तक सूची भेजने हेतु एक पत्र लिखिए।  

 

खण्ड – 3 

9. कर्म के आधार पर क्रिया के भेद बताते हुए उनकी परिभाषा लिखिए। 

 

10. “राधा ने मिठाई खाई।” वाक्य में निहित कारक, काल और वाच्य लिखिए।

 

11. बहुब्रीहि समास की सोदाहरण परिभाषा लिखिए। 

 

12. निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध करके लिखिए:

(क) धोबी ने अच्छे कपड़े धोए।  

(ख) सुदामा पक्के कृष्ण के मित्र थे।  

 

13. निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ लिखिए: 

(क) बालू से तेल निकालना 

(ख) अंधे की लाठी होना 

 

14. ‘चट मंगनी पट ब्याह’ लोकोक्ति का अर्थ लिखिए। 

 

खण्ड – 4 

15. निम्नलिखित पद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए:

सीत को प्रबल सेनापति कोपि चढ्यो दल,

निबल अनल गयो सुरि सियराइ कै।

हिम के समीर, तेई बरसैं विषम तीर,

रही है गरम भौन कोनन मैं जाइ कै।

धूमनैन बहै, लोग आगि पर गिरे रहै,

हिय सौ लगाई रहै नैक सुलगाई कै। 

मानो भीत जानि महा सीत तै पसरि पानि,

छतिया की छाँह राख्यो पाउक छिपाई कै। 

अथवा 

विशाल मंदिर की यामिनी में,

जिसे देखना हो दीपमाला।  

तो तारकागण की ज्योति उसका , 

पता अनूठा बता रही है 

प्रभो ! प्रेममय प्रकाश तुम हो, 

प्रकृति-पदमिनी के अंशुमाली। 

असीम उपवन के तुम हो माली

धरा बराबर बता रही है। 

जो तेरी होवे दया दयानिधि,

तो पूर्ण होता ही है मनोरथ

सभी ये कहते पुकार करके,

यही तो आशा दिला रही है।  

 

16. निम्नलिखित गद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए: 

मियाँ  नूरे के वकील का अंत उनके प्रतिष्ठानुकूल इससे ज्यादा गौरवमय हुआ। वकील जमींन पर या ताक पर तो नहीं बैठ सकता। उसकी मर्यादा का विचार तो रखना ही होगा। दीवार में दो खूटिया गाड़ी गई। उन पर लकड़ी का एक पटरा रखा गया। पटरे पर कागज का कालीन बिछाया गया। वकील साहब राजा भोज की भांति सिंहासन पर विराजे। नूरे ने उन्हें पंखा झलना शुरू किया। अदालतों में खस की टट्टियाँ और बिजली के पँखे रखते है। क्या यहाँ मामूली पंखा भी न हो! कानून की गर्मी दिमाग पर चढ़ जाएगी कि नहीं। बाँस का पंखा आया और नूरे हवा करने लगे।  मालूम नहीं, पंखे की हवा से, या पंखे की चोट से वकील साहब स्वर्गलोक से मृत्युलोक में आ रहे और उनका माटी का चोला माटी में मिल गया। फिर बड़े ज़ोर -ज़ोर से मातम हुआ और वकील साहब की अस्थि घूरे पर डाल दी गई।  

अथवा 

एक उपवन को पाकर भगवान को धन्यवाद देते हुए उसका आनन्द नहीं लेना और बराबर इस चिंता में निमग्न रहना की इससे भी बड़ा उपवन क्यों नहीं मिला। यह एक ऐसा दोष है जिससे ईर्ष्यालु व्यक्ति का चरित्र भी भयंकर हो उठता है। अपने अभाव पर दिन -रात सोचते वह सृस्टि की प्रक्रिया को भूलकर विनाश में लग जाता है और अपनी उन्नति के लिए उद्यम करना छोड़कर वह दूसरों को हानि पहुँचाने को ही अपना श्रेष्ट कर्तव्य समझने लगता है। 

 

17. पहली कियां उपाव, दव दुसमण आमय दटै। 

      पचंड हुआं विस वाव, रोभा घालै राजिया।।

      उपर्युक्त सोरठे का भावार्थ लिखिए।   ( उत्तर सीमा 200 शब्द ) 

अथवा  

‘लक्ष्मण परशुराम संवाद’ पाठनुसार परशुराम की क्रोधाग्नि कैसे शांत हुई ? लिखिए।

 

18. ‘ वह तो बस आहुति देना ही अपना धर्म समझता है।’ 

             सागर के इस कथन का क्या अभिप्राय है ? ( उत्तर सीमा 200 शब्द) 

अथवा 

लोक संत पीपा ने निर्गुण भक्ति काव्यधारा में किस प्रकार योगदान दिया है? लिखिए।

 

निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर 40 से 50 शब्दों में दीजिए: 

19. गोपियाँ किस लालच से कृष्ण की दासी बन गई ?

 

20. ‘कल और आज’ कविता में नागार्जुन ने ऋतु चक्र का सजीव वर्णन किस प्रकार किया है? 

 

21. ‘कन्यादान’ कविता का मूल भाव अपने शब्दों में लिखिए 

 

22. ‘एक अद्भुत अपूर्व स्वप्न’ निबंध की भाषा-शैली पर अपने विचार लिखिए। 

 

23. ‘गौरा’ की मृत्यु का क्या कारण था ?

 

24. हामिद ने चिमटा खरीदने का ही निर्णय क्यों किया? 

 

प्रश्न संख्या 25 से 28 का उत्तर एक पंक्ति दीजिए : 

25. ‘दामिनी दमक, सुर चाप की चमक, स्याम’ 

           सेनापति की उक्ति पंक्तियो में किस ऋतु का वर्णन है? 

 

26. ‘मातृ – वन्दना’ कविता में कवि  ने अपने श्रम का श्रेय किसे दिया है? 

 

27. आध्यात्मिक दृष्टि से कन्याकुमारी का क्या महत्व है? 

 

28. परनिंदा के विषय में दादू ने क्या कहा है? 

 

29. निम्न रचनाओं का संक्षिप्त परिचय दीजिए : 

(i) तुलसीदास 

(ii) मुंशी प्रेमचंद 

 

30. निम्नांकित यातायात संकेतो का क्या अर्थ है?

HINDI CLASS 10TH QUESTION PAPER 2019 (RBSE)

RAJASTHAN BOARD EXAMINATION, 2019

CLASS 10th

HINDI

समय: 3¼ घंटे                                                                                                                                                           अधिकतम अंक: 80


परीक्षाओं के लिए सामान्य निर्देश:-

1. सभी प्रश्न करने अनिवार्य हैं। 

2. सभी प्रश्नों के अंक प्रश्न के सामने अंकित हैं। 


खण्ड -क 

निम्नांकित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए: 

आधुनिक काल में भी नारी एक बार फिर से अपनी पूरी क्षमता, शक्ति और साहस के साथ समाज में दिखाई देने लगा । शिक्षा के प्रचार – प्रसार से वह पूरी तरह आत्मविश्वास से भर गई। आप आज़ादी की लड़ाई का उदाहरण ही लीजिए। भीकाजी कामा, सरोजिनी नायडू, अरूणा आसफ अली, कैप्टन लक्ष्मी सहगल आदि बहुत सारे नाम आपके जेहन में आते जाएंगे। गाँधीजी के एक आह्वन पर न जाने कितनी महिलाएँ घर-बार छोड़कर देश का आजादी के लिए संघर्ष करने निकल पडी। चाहे वो गाँव की हों, छोटे कस्बे की हों, शहर की हों, या महानगर ” , चाह व पढ़ी लिखी हों, चाहे गरीब हों या अमीर, सभी वर्गों की नारियाँ पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आज़ादी की लड़ाई में घर से बाहर निकल पड़ी थीं। 

प्रश्न :1) उपर्युक्त गद्यांश का शीर्षक लिखिए। 

प्रश्न :2) नारियाँ आत्मविश्वास से कैसे भर गईं। 

प्रश्न :3) आधुनिक नारी का आज़ादी में क्या योगदान रहा? 

निम्नलिखित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए: 

भई, सूरज 

ज़रा इस आदमी को जगाओ 

भई, पवन 

ज़रा इस आदमी को हिलाओ, 

यह आदमी जो सोया पड़ा है, 

जो सच से बेखबर सपनों में खोया पड़ा है। 

वक़्त पर जगाओ, 

नहीं तो जब बेवक़्त जागेगा

यह तो जो आगे निकल गए हैं 

उन्हें पाने घबरा कर भागेगा यह। 

घबरा के भागना अलग है 

क्षिप्र गति अलग है 

क्षिप्र तो वह है जो सही क्षण में सजग है 

सूरज, इसे जगाओ, 

पवन, इसे हिलाओ। 

प्रश्न :4) कविता में कैसे आदमी को जगाने की बात कही गई है? 

प्रश्न :5) आदमी को वक़्त पर क्यों जगाना आवश्यक है?

प्रश्न :6) घबरा के भागने व क्षिप्र गति में क्या अंतर है? 

 

खण्ड -2 

प्रश्न :7) दिए गए बिंदुओं के आधार पर निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 300 शब्दों में निबंध लिखिए:

(क) विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्व 

    i) प्रस्तावना – अनुशासन का अर्थ 

    ii) अनुशासन से लाभ, अनुशासन हीनता से नुकसान 

   iii) अनुशासन में रहना कैसे सीखा जा सकता है? 

   iv) उपसंहार 

(ख) आतंकवाद : एक विश्वव्यापी समस्या 

   i) प्रस्तावना- आतंकवाद की परिभाषा 

   ii) आतंकवाद के उद्देश्य 

   iii) आतंकवाद को नियंत्रित करने के उपाय 

(ग) यातायात सुरक्षा 

   i) प्रस्तावना – यातायात सुरक्षा की महत्ता 

   ii) यातायात के सामान्य नियम 

   iii) यातायात नियमों के पालन से लाभ 

   iv) उपसंहार 

घ) योग – व्यायाम से जीवन विकास 

   i) प्रस्तावना- योग-व्यायाम का परिचय 

   ii) योग-व्यायाम के प्रकार 

   iii) योग – व्यायाम से होने वाले शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक लाभ 

   iv) उपसंहार 

 

प्रश्न :8) स्वयं का तहसीलदार (भीण्डर) मानते हुए अपनी तहसील में जलसंकट के कारण जल व्यवस्था हेतु अतिरिक्त बजट की मांग के लिए अपने जिलाधीश, उदयपुर को पत्र लिखिए। 

अथवा 

स्वयं को चौमु निवासी दवा विक्रेता हेमांग मानते हुए, किसी फार्मा कंपनी को पत्र लिखकर दवाइयाँ मंगवाएँ। 

 

खण्ड -3 

प्रश्न :9) क्रिया किसे कहते हैं? कर्म के आधार पर क्रिया के भेद लिखिए। 

प्रश्न :10) ‘पत्र मोहन के द्वारा लिखा गया’। वाक्य में निहित कारक, काल और वाच्य लिखिए। 

प्रश्न :11) ‘गजानन’ शब्द में कौनसा समास है? निहित समास की विशेषताएँ बताएँ। 

प्रश्न :12) निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध करके लिखिए: 

                     (क) मेरे को अभी जाना है। 

                     (ख) मेरे पास केवल मात्र पचास रूपये हैं। 

 

प्रश्न :13) निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ लिखिए। 

                  (क) अगर-मगर करना 

                  (ख) आपे से बाहर होना 

 

प्रश्न :14) ‘अंधेर नगरी चौपट राजा’ लोकोक्ति का अर्थ लिखिए। 

 

खण्ड – 4 

प्रश्न :15) निम्नलिखित पद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए: 

बूझत स्याम कौन तू गोरी। 

कहाँ रहति काकी है बेटी, देखी नहीं कबहूँ ब्रज-खोरी।। 

काहे को हम ब्रज-तन आवति, खेलत रहतिं आपनी पोरी। 

सुनत रहतिं म्रवननि नंद ढोटा, करत फिरत माखन दधि चोरी।। 

तुम्हरो कहा चोरि हम लै, खेलन चलो संग मिलि जोरी। 

सूरदास प्रभु रसिक सिरोमनि, बातनि भुरई राधिका भोरी।। 

अथवा 

सिंहासन हिल उठे राजवंशों ने भृकुटी तानी थी, 

बूढ़े भारत में भी आयी फिर से नयी जवानी थी, 

गुमी हुई आज़ादी की कीमत सबने पहचानी थी, 

दूर फिरंगी को करने की सबने मन में ठानी थी, 

चमक उठी सन सत्तावन में, 

वह तलवार पुरानी थी, 

बुदेले हर बालों के मुँह 

हमने सुनी कहानी थी 

खूब लड़ी मर्दानी वह तो 

झाँसी वाली रानी थी। 

 

प्रश्न :16) निम्नलिखित गद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए: 

सनानी आम का बाग लगाता है जेलर साहब! वह जानता है, इस आम का अमृत उसे नहीं मिलेगा। पण बाकर, खून- पसीने से सींचकर, यह अमृत – फल आने वाली पीढ़ियों के लिए उगाता है। 

ग्राम भी इसी भावना से लड़ा जा रहा है। भगीरथ गंगा खुद के लिए नहीं लाया था। युगों – युगों तक लोक उस भगीरथी से अपने तन-मन की प्यास बुझाते रहेंगे। 

अथवा 

या स बचने का उपाय मानसिक अनुशासन है। जो व्यक्ति ईर्ष्यालु स्वभाव का है, उसे फालतू बातों के बारे में सोचने की आदत छोड़ देनी चाहिए। उसे यह भी पता लगाना चाहिए कि जिस अभाव के कारण वह ईर्ष्यालु बन गया है, उसकी पूर्ति का रचनात्मक तरीका क्या है। जिस दिन उसके भीतर यह जिज्ञासा आएगी, उसी दिन से वह ईर्ष्या करना कम कर देगा। 

 

प्रश्न :17) ‘लक्ष्मण परशुराम संवाद’ पाठ के संवादों पर विस्तृत टिप्पणी कीजिए। 

अथवा 

‘प्रभो!’ कविता का सार अपने शब्दों में लिखिए। 

 

प्रश्न :18) लोक संत पीपा के जीवन एवं उनकी शिक्षाओं का वर्णन कीजिए। 

अथवा 

“शिक्षा – प्रणाली बुरी होने के कारण क्या सारे स्कूल और कॉलिज बंद कर दिए जाएँ।” उक्त कथन के आधार परस्त्री शिक्षा के विरोधी कुतर्को का खण्डन’ पाठ के संबंध में अपने विचार लिखिए। 

 

निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर 40 से 50 शब्दों में दीजिए। 

प्रश्न :19) उपजावे अनुराग, कोयल मन हरखत करै। 

                   कड़वौ लागै काग, रसना रा गुण राजिया।। 

 

उपर्युक्त सोरठे के माध्यम से कवि हमें क्या संदेश देना चाहता है? 

प्रश्न :20) ‘मातृ-वंदना’ कविता में कवि माँ के चरणों में क्या-क्या समर्पित करना चाहता है? 

प्रश्न :21) ‘कन्यादान’ कविता वर्तमान में किस प्रकार प्रासंगिक है? लिखिए। 

प्रश्न :22) लेखक ने देवालय बनाने का विचार क्यों त्याग दिया? 

प्रश्न :23) भारत प्रकृति का खूबसूरत उपहार है।” इस कथन को आखिरी चट्टान पाठ के आधार पर समझाइए। 

प्रश्न :24) संत दादू ने अपने शिष्यों को क्या शिक्षा दी? 

 

निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर एक पंक्ति में दीजिए: 

प्रश्न :25) दादू पंथ के पंचतीर्थ’ का नाम लिखिए। 

प्रश्न :26) संत पीपा का मन राज काज से क्यों उचट गया? 

प्रश्न :27) श्याम ने झूला झूलने के लिए किसे आमंत्रित किया? 

प्रश्न :28) खेतों की मिट्टी पथराई हुई क्यों थी? 

प्रश्न :29) निम्न रचनाकारों का संक्षिप्त परिचय लिखिए: 

                 (i) महाकवि निराला                                                       (ii) देव 

 

प्रश्न :30) निम्नांकित यातायात संकेतों का क्या अर्थ है? 

HINDI CLASS 10TH QUESTION PAPER 2016 (RBSE)

RAJASTHAN BOARD EXAMINATION, 2016

CLASS 10th

HINDI

समय: 3¼ घंटे                                                                                                                                                             अधिकतम अंक: 80


परीक्षाओं के लिए सामान्य निर्देश:-

1. सभी प्रश्न करने अनिवार्य हैं। 

2. सभी प्रश्नों के अंक प्रश्न के सामने अंकित हैं। 


खण्डक 

प्र.1. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए-ः 

जीवन की सच्ची प्रगति स्वावलम्बन के द्वारा ही संभव है। यदि हमारे मन में अपना कार्य करने का उत्साह नहीं है, अपने ऊपर विश्वास नहीं है, आलस्य ने हमारी कार्य शक्ति को पंगु बना दिया है तो फिर कैसे हमारे जीवन के कार्य पूरे हो सकेंगे? ऐसी स्थिति में हम अपने आपको किसी भी कार्य को करने में असमर्थ पाएंगे। समाज, राष्ट्र और संसार के लिए तो हम कर ही क्या सकेंगे, स्वयं अपने लिए भी भार स्वरूप हो जाएंगे। यह बात विचारणीय है कि संसार में जो इतने महान कार्य हुए हैं, क्या उनके पीछे स्वावलम्बन की सुदृढ़ शक्ति नहीं थी? यदि परावलम्बी पुरुषों की भांति सभी हाथ पर हाथ धरे बैठे रहते, अकर्मण्यता, आलस्य और दूसरों के सहारे जीने की भावना लिए रहते तो मानव समाज की इतनी प्रगति क्या संभव थी? इसीलिए तो संसार के सभी महापुरुष स्वावलंबन के पुजारी थे। अपने हाथों से ही उन्होंने अपने महान जीवन का द्वार खोला था। अब्राहम  लिंकन, महात्मा गांधी, ईश्वर चन्द्र विद्या सागर आदि महापुरुषों से कौन अपरिचित है? उन्होंने स्वावलम्बन के अमृत को पीकर ही अमरता प्राप्त की थी। इसी कारण वे आज मर कर भी जीवित हैं। 

(क) उपर्युक्त गद्यांश का शीर्षक लिखिए।  

(ख) व्यक्ति समाज के लिए भार कब बन जाता है?  

(ग) समाज की प्रगति किन बातों पर निर्भर करती है?  

(घ) महापुरुषों ने किस प्रकार अपने जीवन को सफल बनाया?  

 

प्र.2. निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्व क पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए:- 

रणभेरी सुन, कह ‘विदा’-‘विदा’ 

जब सैनिक पुलक रहे होंगे। 

हाथोें में कुमकुम थाल लिए 

कुछ जल कण ढुलक रहे होंगे। 

कर्तव्य-प्रेम की उलझन में, 

पथ भूल न जाना पथिक कहीं।। 

वेदी पर बैठा महाकाल, 

जब नर बलि चढ़ा रहा होगा। 

बलिदानी अपने ही कर से, 

निज मस्तक बढ़ा रहा होगा। 

उस बलिदान-प्रतिष्ठा में, 

पथ भूल न जाना पथिक कहीं।। 

कुछ मस्तक कम पड़ते होंगे, 

जब महाकाल की माला में। 

माँ! माँग रही होगी आहुति, 

जब स्वतन्त्रता की ज्वाला में। 

पल भर भी पड़ असमंजस में, 

पथ भूल न जाना पथिक कहीं।। 

(क) उपर्युक्त काव्यांश का उचित शीर्षक दीजिए।  

(ख) य़ु़द्ध की रणभेरी सुनकर सैनिकों की क्या प्रतिक्रिया होती है?  

(ग) ‘कर्तव्य-प्रेम की उलझन में’ पंक्ति से आपका क्या आशय है?  

(घ) जब स्वदेश बलिदान मांग रहा हो तो हमारा क्या कर्तव्य है?  

अथवा

आज भी विश्वास मेरा, तुम बहुत हो काम के, 

तुम बदल सकते हो नक्शे, आज फिर आवाम के। 

पर जरा नीचे पधारो और पश्चाताप कर लो, 

घर करो मजबूत पहले औ दिलों को साफ कर लो।। 

मोह छोड़ो कुर्सियों का,

सांस लो-अवकाश लो,

फिर नयी ताकत जुटाओ,

देश का विश्वास लो।

आस्था का देश है यह,

सौ गुना फिर पाओगे,

यह मुहूरत टल गया तो देखना पछताओगे।।

इसलिए फिर कह रहा हूँ ……………. महल से नीचे पधारो,

देश फिर वंदन करेगा,

फिर वही अर्चन करेगा,

और अभिनंदन करेगा। 

(क) उपर्युक्तपद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए। 

(ख) कवि क्या कह कर युवाओं को प्रोत्साहित कर रहा है? 

(ग) पछताने की स्थिति से बचने के लिए कवि किस बात की प्रेरणा देता है?

(घ) रेखांकित पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए। 

 

खण्ड-ख 

प्र.3. दिए गए बिंदुओं के आधार पर निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 300 शब्दों में निबंध लिखिए:-

(क) पर्यावरण संरक्षण: हमारा दायित्व 

    (I) पर्यावरणः जीवन का मूल आधार 

    (II) पर्यावरण संरक्षण का महत्व 

    (III) पर्यावरण प्रदूषण के दुष्परिणाम 

    (IV) जन चेतना: हमारा दायित्व 

    (V) उपसंहार 

(ख) राष्ट्र के प्रति हमारा दायित्व 

   (I) राष्ट्र का स्वरूप 

   (II) नैतिक और कानूनी दायित्व 

   (III) राष्ट्रीय स्वाभिमान की रक्षा 

   (IV) राष्ट्र: वर्तमान परिप्रेक्ष्य में 

   (V) उपसंहार 

(ग) बढती मंहगाई: दुखद जीवन 

   (I) मंहगाई का तांडव 

   (II) मंहगाई के कारण 

   (III) मंहगाई के दुष्प्रभाव 

   (IV) मंहगाई रोकने के उपाय 

   (V) उपसंहार 

(घ) राजस्थान में गहराता जल संकट 

   (I) जल का महत्व 

   (II) जलाभाव का परिणाम 

   (III) जल की उपलब्धता 

   (IV) भावी जल संकट 

   (V) उपसंहार 

 

प्र.4. स्वयं को भरतपुर निवासी अविनाश मानते हुए भरतपुर के नगर निगम के कार्यकारी अधिकारी को सड़कों पर बढ़ रहे अतिक्रमण को नियंत्रित करने हेतु पत्र लिखिए। 

अथवा 

स्वयं को कपिल मानते हुए अपने क्षेत्र के पुलिस अधिकारी को मुहल्ले में आए दिन होने वाली चोरियांे की शिकायत करते हुए एक पत्र लिखिए। 

प्र.5. (क) अमित ने अजय को अपना खिलौना दे दिया। वाक्य में कौन सी क्रिया है? उसकी परिभाषा लिखिए। 

        (ख) ‘महात्मा गांधी सदा सत्य बोलते थे।’रेखांकित पदों के पद-परिचय के दो-दो बिंदु लिखिए। 

        (ग) रचना की दृष्टि से वाक्य के कितने भेद होते हैं? उदाहरण देकर समझाइए। 

       (घ) (I) ‘नौ दो ग्यारह होना’ मुहावरे का अर्थ बताते हुए स्वरचित वाक्य में प्रयोग कीजिए। 

             (II) ‘काला अक्षर भैंस बराबर’ लोेकोक्ति का इस प्रकार से वाक्य में प्रयोग करें कि उसका अर्थ स्पष्ट हो जाए। 

       (ड.) ‘सत्य सनेह सील सुख सागर’ इस पंक्ति में प्रमुख अलंकार की पहचान कर उसकी परिभाषा लिखिए। 

 

खण्ड-ग 

प्र.6. निम्नलिखित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:- 

एक के नहीं, 

दो के नहीं 

ढेर सारी नदियों के पानी का जादू: 

एक के नहीं, 

दो के नहीं 

लाख-लाख कोटि-कोटि हाथों के स्पर्श की गरिमा: 

एक की नहीं, 

दो की नहीं, 

हजार-हजार खेेतों की मिट्टी का गुणधर्म: 

फसल क्या है? 

और तो कुछ नहीं है वह 

नदियों के पानी का जादू है वह 

हाथों के स्पर्श की महिमा है 

भूरी-काली-संदली मिट्टी का गुणधर्म है 

रूपांतर है सूरज की किरणों का 

सिमटा हुआ संकोच है हवा की थिरकन का। 

(क) फसल पैदा करने में किन-किन तत्वों का योगदान होता है?  

(ख) खेतों में लहलहाती हुई फसल को देखकर मानव के मन में क्या चित्र उभरता है? कल्पना के आधार पर उत्तर लिखिए।  

अथवा 

तुम्हारी यह दंतुरित मुस्कान 

धन्य तुम, माँ भी तुम्हारी धन्य! 

चिर प्रवासी मैं इतर, मैं अन्य। 

इस अतिथि से प्रिय तुम्हारा क्या रहा संपर्क 

उंगलिया माँ की कराती हैं मधुपर्क 

देखते तुम इधर कनखी मार 

और होतीं जब कि आँखें चार 

तब तुम्हारी दंतुरित मुस्कान 

मुझे लगती बड़ी ही छविमान। 

(क) उपयुक्त पंक्तियों के आधार पर बताइए कि माँ को धन्य क्यों माना गया है?  

(ख) ‘और होतीं जब कि अंॉँखें चार’पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए।  

 

प्र.7 निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन के उत्तर दीजिए:-(उत्तर सीमा प्रत्येक प्रश्न 40 शब्द) 

(क) कृष्ण ने मथुरा जाने के बाद उद्धव के माध्यम से गोपियों के पास जो संदेश भेजा उसकी गोपियों ने क्या प्रतिक्रिया व्यक्त की?  

(ख) ‘आत्मकथ्य‘ कविता में कवि जयशंकर प्रसाद ने जीवन के यथार्थ एवं अभाव पक्ष की जो मार्मिक अभिव्यक्ति की है, उसे अपने शब्दों में लिखिए।  

(ग) कवि गिरिजा कुमार माथुर ने ‘छाया छूना मत’कविता में क्या संदेश दिया है?  

(घ) राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद रचना के आधार पर बताइए कि मनुष्य को किन जीवन मूल्यों को अपनाने का संकेत किया गया है?  

 

प्र.8 निम्नलिखित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए:- 

फटिक सिलानि सौं सुधारयौ सुधा मंदिर, 

उदधि दधि को सो अधिकाइ उमगे अमंद। 

बाहर ते भीतर लौं भीति न दिखैए ‘देव ‘, 

दूध को सो फेन फैल्यो आंगन फरसबंद। 

तारा सी तरूनि तामें ठाढी झिलमिली होति, 

मोतिन की जोति मिल्यो मल्लिका को मकरंद। 

आरसी से अंबर में आभा सी उजारी लगै, 

प्यारी राधिका कोे प्रतिबिंब सो लगत चंद।। 

(क) रेखांकित पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए?  

(ख) ’दूध को सो फेन’ फेन से कवि का क्या आशय है? 

(ग) सुन्दर चाँदनी के कारण आकाश का स्वरूप कैसा दिखाई दे रहा है?  

(घ) ‘आरसी से अंबर में आभा सी उजारी लगै’ किसके लिए प्रयुक्त हुआ है?  

अथवा 

यश है या न वैभव है, मान है न सरमायाय 

जितना ही तू दौड़ा तू उतना ही भरमाया। 

प्रभुता का शरण-बिंब केव ल मृगतृष्णा है, 

हर चन्द्रिका में छिपी एक रात कृष्णा है। 

जो है यथार्थ कठिन उसका तू कर पूजन- 

छाया मत छूना 

मन,होगा दुख दूना। 

दुविधा-हत साहस है, दिखता है पंथ नहीं, 

देह सुखी हो पर मन के दुख का अंत नहीं।

दुख है न चाँद खिला शरत-रात आने पर, 

क्या हुआ जो खिला फूल रस-बसंत जाने पर? 

जो न मिला भूल उसे कर तू भविष्य वरण,। 

(क) उपर्युक्त पंक्तियों में कवि मानव को क्या बोध कराना चाहता है?  

(ख) भौतिक वस्तुएं मानव को किस प्रकार भ्रमित करती हैं?  

(ग) ’हर चंद्रिका में छिपी रात एक कृष्णा है’ कहकर कवि क्या संदेश देता है?  

(घ) कवि गिरिजा कुमार माथुर के अनुसार जीवन को किस प्रकार जीना चाहिए?  

 

प्र.9. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:- 

और कुछ नहीं पूछ पाए हालदार साहब। कुछ पल चुपचाप खडे़ रहे, फिर पान के पैसे चुकाकर जीप में आ बैठे और रवाना हो गए। बार बार सोचते,क्या होगा उस कौम का जो अपने देश की खातिर घर-गृहस्थी-जवानी-ज़िंदगी सब कुछ होम देने वालों पर भी हंसती है और अपने लिए बिकने के मौके ढूढंती है। दुखी हो गए। पंद्रह दिन बाद फिर उसी कस्बे से गुज़रे। कस्बे में घुसने से पहले ही ख्याल आया कि कस्बे की हृदयस्थली में सुभाष की प्रतिमा अवश्य ही प्रतिष्ठापित होगी, लेकिन सुभाष की ऑंँखों पर चश्मा नहीं होगा।…………….क्योंकि मास्टर बनाना भूल गया।………….. और कैप्टन मर गया। सोचा, आज वहाँ रुकेंगे नहीं, पान भी नहीं खाएंगे, मूर्ति की तरफ देखेंगे भी नहीं, सीधे निकल जाएंगे। 

(क) हालदार साहब के दुखी होने का क्या कारण था?  

(ख) हालदार साहब कस्बे में क्यों नहीं रुकना चाहते थे?  

अथवा 

पढने लिखने में स्वयं कोई बात ऐसी नहीं जिससे अनर्थ हो सके। अनर्थ का बीज उसमें हरगिज नहीं। अनर्थ पुरुषों से भी होते हैं। अपढ़ों और पढे लिखों, दोनों से। अनर्थ, दुराचार और पापाचार के कारण और ही होते हैं और वे व्यक्ति विशेष का चाल-चलन देखकर जाने भी जा सकते हैं। अतएव स्त्रियों को अवश्य पढ़ाना चाहिए। 

जो लोग यह कहते हैं कि पुराने जमाने में यहाँ स्त्रियाँ न पढ़ती थीं अथवा उन्हें पढ़ने की मुमानियत थी वे या तो इतिहास से अभिज्ञता नहीं रखते या जान-बूझकर लोगों को धोखा देते हैं। समाज की दृष्टि में ऐसे लोग दंडनीय हैं क्यों कि स्त्रियों को निरक्षर रखने का उपदेश देना समाज का अपकार और अपराध करना है, समाज की उन्नति में बाधा डालना है। 

(क) समाज में अनर्थ होने के कारणों पर प्रकाश डालिए।  

(ख) समाज की दृष्टि में कैसे लोग दंडनीय होते हैं?  

 

प्र.10. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीें तीन प्रश्नों के उत्तर लिखिए। (प्रत्येक प्रश्न की उत्तर सीमा 40 शब्द) 

(क) बालगोबिन भगत रेखाचित्र सामाजिक रूढ़ियों पर प्रहार करता है। स्पष्ट कीजिए।  

(ख) फादर बुल्के को भारतीय संस्कृति का एक अभिन्न अंग क्यों कहा गया है?  

(ग) ‘एक कहानी यह भी’ के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि दकियानूसी विचारधारा जहाँ मन को हतोत्साहित करती है वहीं प्रगतिशील विचारधारा मानव मन को गर्वित करती है।  

(घ) लेखक महावीर प्रसाद द्विवेदी ने प्राचीन एवं वर्तमान शिक्षा प्रणाली मे क्या अंत र बताया है?  

 

प्र.11. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:-(उत्तर सीमा 40 शब्द) 

(क) ‘नेता जी का चश्मा’ पाठ में निहित देशभक्ति के संदेश को अपने शब्दों में व्यक्त कीजिए।  

(ख) ‘‘नियमित और सच्चे मन से की गई प्रार्थना अवश्य फलदायी होती है‘‘। बिस्मिल्ला खाँ के आधार पर कथन की पुष्टि कीजिए।  

 

खण्ड-घ 

प्र.12. ‘बच्चे बचपन में निर्दोष, निर्भय और मस्त होते हैं, उन्हें परिणाम की चिन्ता नही होती’। उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए। (उत्तर सीमा 80 शब्द) (4) 

अथवा 

हिरोशिमा पहुँचकर लेखक ने कैसा अनुभव किया? उनकी मनः स्थिति का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए। (4) 

 

प्र.13. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर दीजिए:-(प्रत्येक की उत्तर सीमा 40 शब्द) 

(क) ’जार्ज पंचम की नाक’व्यंग्यात्मक कहानी में भारत सरकार की किस मनोवृत्ति पर व्यंग्य किया गया है?  

(ख) ‘मन काव्यमय हो उठा, सत्य और सौंदर्य को छूने लगा’ किस दृश्य को देखकर लेखिका का मन काव्यमय हो गया? 

(ग) टुन्नू के मारे जाने का समाचार सुनकर दुलारी की क्या प्रतिक्रिया हुई?  

(घ) साना-साना हाथ जोड़ि. ….. पाठ में लेखिका ने ‘माया’और ‘छाया’का खेल किसे कहा है?  

 

प्र.14. (क) दुपहिया वाहन चलाते समय किन बातों का ध्यान रखना आवश्यक है?  

              (ख) एक अच्छे नागरिक होने के नाते सड़क पर दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति की आप किस प्रकार सहायता करेंगे?

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